माता-पिता के लिए अपने बच्चे में आटिज्म की जांच का अनुभव कम ही ठीक होता है – जब उनकी परेशानी ठीक से सुनी जाती है, बच्चे की जांच सही समय से होती है और उन्हें ठीक जानकारी और मदद मिल जाती है| ज्यादातर ऐसा नहीं होता, माता-पिता को लम्बे समय तक अलग अलग सलाह मिलती हैं और उन्हें असमंजस और परेशानी झेलनी पड़ती है| यहाँ यह लिखा गया है की आटिज्म की जांच का रास्ता कैसा होना चाहिये और इसके लिया कैसी सुविधाओं और जानकारी की जरूरत है|
ऐसा कोई खून की जांच या स्कैन नहीं है जिससे आटिज्म का पता चल सके| इसकी जांच के लिए माता-पिता से, और कभी कभी स्कूल से, बच्चे के बारे में जानकारी लेनी पड़ती है और फिर बच्चे के विकास को उसके साथ कुछ बात, खेल, और काम कर के देखना पड़ता है| अगर यह सब जानकारी आटिज्म के मापदंडों को पूरा करती है तो आटिज्म का डायग्नोसिस बनाया जाता है|
आटिज्म की डायग्नोसिस बनाने में आनेवाली मुश्किलें:
यह सही है की कई बच्चों में आटिज्म की सही डायग्नोसिस बनाना सीधा या आसान नहीं होता है| इसकी मुख्य वजह यह हैं:
- आटिज्म के कुछ चिन्ह और बच्चों में भी देखे जाते है, ख़ास तोर से जिनको भाषा बोलने/समझने की या सीखने-समझने या विकास की कमजोरी हों|
- कोई एक ऐसा चिन्ह नहीं है जिस से आटिज्म की डैग्नोसिस बनाये जा सके|
- आटिज्म होनेवाले हर बच्चे की क्षमताओं और कमजोरियों में फ़र्क होता है|
- आटिज्म होनेवाले हर बच्चे की दशा में समय के साथ परिवर्तन आता है और आटिज्म के चिन्ह भी उम्र के साथ बदलते हैं|
आटिज्म की जांच के मुख्य कदम: आवश्यक जानकारी और सुविधाएँ
१: सही समय पर और सही वजह से बच्चे के विकास के बारे में चिंतित होना जरूरी है
आवश्यक सुविधायें और जानकारी: बच्चों के विकास के बारे में सही अपेक्षा रखना और उसकी जानकारी सब को उपलब्ध होना |
२: जरूरत होने पर बच्चे के विकास की जांच होना जरूरी है
माता पिता की चिंता सुनकर और बच्चे को देखकर उन्हें ये सलाह मिले की बच्चे के विकास की जांच होनी चाहिये और उन्हें इसके लिए सही जगह भेजा जाये| इसके लिए आटिज्म का अंदेशा पता करने के तरीके (screening tool for ASD) का भी प्रयोग किया जा सकता है|
आवश्यक सुविधायें और जानकारी: बच्चों के विकास और आटिज्म के चिन्हों की जानकारी उन सब को उपलब्ध हों जो बच्चों की देखभाल में शामिल होते हैं, जैसे शिक्षक, आगंनवाडी, चिकित्सक| साथ ही यह जानकारी भी हो की बच्चों के विकास की जांच उनके इलाके में कहाँ होती है|
३: बच्चे के विकास की पूरी जांच होना जरूरी है
इस जाँच में विकास के हर पहलू को देखा जाता है – बच्चे की भाषा की समझ और बोलना, समझने-सीखने की क्षमता, सुनने देखने की क्षमता और बच्चे के स्वास्थ्य और देखभाल की स्थिति|
आवश्यक सुविधायें और जानकारी: विकास और आटिज्म की जानकारी रखने वाले चिकित्सक विकास की जांच के और आटिज्म की प्रारम्भिक जांच के सही साधनों का प्रयोग करते हैं|
४: आटिज्म की विस्तार से जांच होना जरूरी है:
- आटिज्म के मापदंडों के अनुसार उसकी या विकास की किसी और अवस्था की डायग्नोसिस बनायी जाये (आटिज्म की डायग्नोसिस के मापदंड) |
- माता-पिता को आटिज्म के बारे में जानकारी और सूचना दी जाए| उन्हें यह समझाया जाये की आटिज्म का क्या अर्थ है और उसकी मदद के लिए क्या कर सकते हैं|
- आटिज्म में मदद कर सकने वाली संस्थओं और विशेषज्ञों के जानकारी दी जाए|