आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर की डायग्नोसिस बनाने के आधारों के दो अंतर्राष्ट्रीय सिस्टम या पद्धति है:
ICD और DSM – यह दोनों सिस्टम काफी मिलते जुलते हैं| यहाँ पर DSM-5 में लिखे हुए आधारों को संक्षिप्त में लिखा है|
1. पारस्परिक मेल जोल और पारस्परिक बात चीत में कई स्त्तिथियों में होने वाली स्थायी कमी जो नीचे लिखी तरह की हो और पहले की जानकारी से जाहिर हो या अभी मोजूदा हो
A1. सामाजिक पारस्परिकता और मेल-जोल के व्यवहार में कमी, जो कई प्रकार की हो सकती है जैसे मेल-जोल बनाने के लिए कुछ अजीब तरीके से पहलियत करना या एकतरफा तरीके से बात-चीत करना, अपनी रूचि या एहसास या मन के भाव को औरों से कम बांटना या औरों की मेल – जोल की पहल पर ध्यान कम या बिलकुल ना देना|
A2. मेल-जोल और बात चीत में आँखों, हाथों और चेहरे से भावों का कम या कोई प्रयोग ना करना, इन भावों को ठीक से प्रयोग ना करना व औरों के ऐसे भावों को समझ ना पाना|
A3. औरों से मित्रता या सम्बन्ध बनाने में, कायम रखने में या समझने में कमी, जैसे स्थिति के अनुसार अपने व्यवहार को ना बदलना, औरौं से मित्रता करने में कोई रूचि ना लेना, औरों के साथ कल्पनाशीलता से ना खेल पाना|
2. संकीर्ण रूचि और कुछ व्यहारों को दोहराना| नीचे लिखे चार में से कम से कम दो चिन्ह होना जरूरी है चाहें वह पहले की जानकारी से जाहिर हो या अभी मोजूद हो
B1. एक ही तरह से बार बार दोहराने वाली शारीरिक गतिविधि, चीज़ों का इस्तेमाल या बोलने का तरीका (जैसे: हाथ या उँगलियाँ हिलाना, चीज़ों को एक लाइन में लगा देना या घुमाना, कुछ शब्द या वाक्य बार बार दोहराना, कुछ शब्द या वाक्य अजीब तरीके से इस्तेमाल करना|
B2. स्थिति के बदलने को पसंद ना करना, रोजमर्रा के काम को एक हे तरह से करना या कुछ अजीब तरह से काम करना या बात करना (जैसे: स्थिति के छोटे बदलाव से भी बहुत परेशान हो जाना, नए काम करने या नयी जगह जाने से परेशान होना, नये रास्ते से जाने से या नयी चीज़ खाने से परेशान होना, एक ही तरह का खाना खाना)|
B3. रुचि का दायरा बहुत संकीर्ण या अजीब होना या कुछ ही चीज़ों या किसी विषय में बहुत गहरी रुचि लेना – और काम की अवहेलना करना या अजीब चीज़ों में बहुत रूचि या लगाव रखना|
B4. शारीरिक संवेदनाओं का बहुत कम या बहुत ज्यादा होना या कुछ गिनी चुनी या अजीब संवेदनाओं में बहुत ज्यादा रुचि लेना (जैसे चोट के दर्द से परेशान ना होना, कुछ आवाजों से या कपड़ों की महसूसियत से परेशान होना, चीजों को अजीब तरीके से छूना या सूंघना, रौशनी की तरफ या घूमती हुई या चलती हुई चीज़ों को ध्यान से देखना)|
3. यह चिन्ह विकास के प्रारम्भिक समय से होने चाहियें (कुछ चिन्ह उम्र के साथ सामाजिक मेल जोल की जरुरत बढ़ने पर ही ज़ाहिर होते हैं और कुछ चिन्ह उम्र के साथ बच्चे के सीखने की वजह से ज़ाहिर होना कम हो जाते हैं या दिखना बंद हो जाते हैं)
4. इन चिन्हों के वजह से बच्चे को सामाजिक मेल जोल या रोजमर्रा के काम या और कामों में दिक्कत हो (कम से कम कठिनाई का स्तर = पहला स्तर level 1)
5. इन परेशानियों के होने की कोई और जाहिर वजह ना हो – जैसे सोचने समझने का विकार (intellectual disability) या सम्पूर्ण विकास में विकार (global developmental delay).
आटिज्म (ASD) में कठिनाई के स्तर | पारस्परिक मेल जोल और पारस्परिक बात चीत | संकीर्ण रूचि और कुछ व्यहारों को दोहराना |
तीसरा स्तर (Level 3)
‘बच्चे को बहुत ज्यादा सहायता की ज़रूरत)’ |
बोलने में और हाव भाव से अपनी बात कह पाने में बहुत ज्यादा कमी जो औरों के साथ मेल जोल को ना या बहुत कम होने दे| औरों के मेल जोल की कोशिश पर बहुत कम या ना के बराबर प्रतिक्रिया| जैसे: बच्चा कुछ शब्द ही बोल पाता हो, कभी मेल जोल की शुरुआत ना करता हो, सिर्फ अपनी ज़रूरतों ही औरों को जता पाता हो और औरों के बात चीत की बहुत कोशिश करने पर ही कोई प्रतिक्रिया दिखाता हो| | व्यवहार को स्थिति के साथ ना बदलना व स्थिति बदलने पर बहुत परेशान हो जाना , काम में या ध्यान में परिवर्तन से परेशान होना, संकीर्ण रुचि से और दोहराने वाले व्यवहारों से रोजमर्रा के सामान्य कामों व और बातें सीखने में रूकावट होना| |
Level 2
‘बच्चे को काफी सहायता की जरूरत’ |
बोलने में और हाव भाव से अपने बात कह पाने में काफी कमी जो औरों के साथ मेल जोल को काफी कम होने दे| औरों के मेल जोल की कोशिश और प्रतिक्रिया, मदद मिलने पर भी, कम हो| जैसे: बच्चा छोटे और सादे वाक्य बोल पाता हो, मेल जोल की शुरुआत कम करता हो, औरों से बात चीत में हाव भाव ठीक से ना प्रयोग करता हो| | व्यवहार को स्थिति के साथ बदलना कठिन हो, काम में या ध्यान में परिवर्तन से परेशान हो, संकीर्ण रूचि हो और इन वजहों से सामान्य कामों में शामिल होने में परेशानी हो| |
Level 1
सहायता की ज़रूरत |
बिना किसी मदद के औरों से बोलने में व औरों के साथ मेल जोल में कमी हो, मेल जोल की पहल करना मुश्किल हो, औरों की पहल पर प्रतिक्रिया ठीक ना हो| औरों से मेल जोल में कम रूचि हो| जैसे वाक्यों में बोलने की क्षमता होने पर भी ठीक से बात चीत ना कर पाए| मित्रता बनाने की कोशिश कम और अजीब सी हों| | व्यवहार को ना बदल पाने की वजह से कई स्थितियों में औरों के साथ शामिल होने में परेशानी हो| एक काम को बदल कर दूसरे काम में जाने में परेशानी हो| काम की योजना ठीक से ना कर पाने की वजह से काम खुद कर पाने में परेशानी हो| |
अमेरिकी मनोरोग एसोसिएशन। व्यापक विकासात्मक विकारों। में: मानसिक विकार के नैदानिक और सांख्यिकी मैनुअल। 5 वीं ed.-पाठ संशोधन (डीएसएम -5)। वाशिंगटन, डीसी: अमेरिकी मनोरोग एसोसिएशन; 2013।