आटिज्म में सोने की समस्याएँ

नींद का क्या महत्व है?

हम सब अच्छी नींद के बाद अच्छा महसूस करते हैं| बच्चों को अच्छी नींद की जरूरत के कुछ और विशेष कारण भी है[i]:

  • अच्छी नींद ना आने से सीखने समझने में परेशानी होती है,
  • अच्छी नींद ना आने से ध्यान देने और व्यवहार में कमी आती है,
  • अच्छी नींद ना आने से बच्चे की दिनचर्या पर और उसके और उसके परिवार के जीवन पर बुरा असर पड़ता है|

आटिज्म में बच्चों को ठीक से ना सो पाने की परेशानी सामान्य बच्चों से ज्यादा होती है, करीब 40-80% को ठीक से ना सो पाने के परेशानी होती है[ii], जैसे समय से ना सो पाना, कई बार उठना, बीच में उठने के बाद फिर से सो ना पाना, परेशान होना और शोर करना|

नींद की समस्या क्यों होती हैं?

शारीरिक, मानसिक और घरेलु या सामाजिक वातावरण की कमियां सोने की परेशानी उत्पन्न करती हैं| सोने के समय का तरीका और वातावरण अकसर इस परेशानी को बढ़ाता है|

हमारे मस्तिष्क में होने वाला प्राक्रतिक होरमोन मेलेटोनिन (Melatonin) हमें सोने में मदद करता है| आटिज्म में इस होरमोन के होने में कमी होती है|

आटिज्म के साथ होने वाली परेशानियाँ जैसे ध्यान देने में परेशानी, चिंता और व्यवहार की परेशानियाँ भी सोने में कमी पैदा करती हैं|

कम सोने से आटिज्म होने वाले बच्चे पर क्या असर पड़ता है?

कम सोने से बच्चे में मिलनसारिता कम होती है और उसके दोहराने वाले व्यवहार बढ़ते हैं|

सोने की परेशानी के लिए क्या मादा कर सकते हैं?

पहले यह पता करना कहिये की सोने की परेशानी कैसी है: समय से ना सो पाना, कई बार उठना, बीच में उठने के बाद फिर से ना पाना, परेशान होना और शोर करना|

करें:

सोने के समय के वातावरण को ठीक करने का प्रयत्न करें:

सोने का समय नियमित हो,

सुलाते समय बच्चे के पास ना लेटें,

वातावरण में आवाजें और शोर कम करें.

शांत होने के तरीके का प्रयोग हो जैसे संगीत सुनना या किताब पढ़ना|

दिन में शारीरिक खेल या व्यायाम करें|

और किसी साथ की समस्या का इलाज करें जैसे शरीर में आयरन की कमी या ADHD|

ना करें:

सोने से एक घंटा पहले TV/computer/विडियो गेम को ना देखने दें,

सोने से चार घंटे पहले चाय, काफ़ी, कोला ड्रिंक्स ना दें

सोने से पहले मानसिक तनाव जैसे बहस करना ना हो,

यदि इनसे सोने की समस्या में आराम नहीं मिलता है तो डॉक्टर को दिखाकर इलाज लें: Melatonin, 1 to 6 mg सोने से 30 मिनट पहले देने से कुछ बच्चों को फ़ायदा होता है. सोने के समय और किसी परेशानी को रोज़ लिख कर रखें जिससे किसी परिवर्तन के होने का पता चले[iii].

बच्चों को सेडेटीव (sedatives) नहीं देने चाहिये| उनसे बच्चों को नुकसान होता है|

सोने की डायरी

[i] Bruni, O, (2010). The importance of sleep for children’s well being. Sleep Medicine. 11(7), 599-600.

[ii] Cortesi F, et al. (2010). Sleep in children with autistic spectrum disorders. Sleep Medicine, 11(7), 659-664.

[iii] Kotagal, S., & Broomall, E. (2012). Sleep in children with autism spectrum disorder. Pediatric neurology, 47(4), 242-251.

 

1 thought on “आटिज्म में सोने की समस्याएँ

Comments are closed.