आटिज्म के आनुवंशिक या जेनेटिक कारण

  • क्या कोई ऐसी एक जीन है जिससे आटिज्म होता है?
  • क्या ऐसा कहा जा सकता है कि बच्चे में आटिज्म माँ या पिता की तरफ से आया है?
  • क्या आटिज्म की जीन का कोई इलाज है?

इसमें कोई शक नहीं है कि आटिज्म एक आनुवांशिक या जेनेटिक दशा है, क्योंकि

  • परिवार में एक बच्चे को आटिज्म होने से दूसरे बच्चे के आटिज्म होने की सम्भावना 10 से 20 गुना ज्यादा बढ़ जाती है [i] | इसका यह मतलब नहीं की आटिज्म होने वाले बच्चे के हर भाई/बहन को आटिज्म हो, लेकिन करीब हर 5 में से 1 भाई/बहन को आटिज्म हो सकता है| लड़कों को आटिज्म होने की सम्भावना लड़कियों से करीब 4 गुना ज्यादा होती है|
  • एक ही भ्रूण से होने वाले जुड़वाँ बच्चे (जो बिलकुल एक जैसे होते हैं) आटिज्म मैं भी करीब पूरी समानता दिखाते है (80-90%); अलग भ्रूण से होने वाले जुड़वाँ बच्चे (जो देखने में भी अलग होते हैं) आटिज्म मैं केवल 10-20% समानता दिखाते हैं[ii],[iii] |

हालांकि आटिज्म एक आनुवंशिक दशा है, लेकिन इसपर वातावरण का भी असर पड़ता है| आटिज्म के होने मैं वातावरण के योगदान की अभी बहुत जानकारी नहीं है, लेकिन आटिज्म के बच्चे के विकास में वातावरण का बहुत योगदान होता है|

आटिज्म किस जीन की वजह से होता है इसकी अभी पूरी जानकारी नहीं है| अभी तक होने वाली रिसर्च से यह मुख्य बातें बता चली है:

  • करीब 200 से 1000 जीन, या उनमें होने वाले बदलाव, आटिज्म के होने में शामिल हैं. यह सब आपस में मिलकर बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर असर करते हैं|
  • यह जीन, या उनमें होने वाले बदलाव, माता-पिता से बच्चे में आ सकते हैं, पर कुछ ऐसे बदलाव बच्चे में पहली बार ही दिखाई देते हैं| इन बच्चों के परिवार में आटिज्म या उससे मिलती जुलती कोई परेशानी नहीं होती है – करीब 15% आटिज्म के बच्चे इस तरह से होते है[iv] |
  • करीब 5% लोगों में, जिन्हें आटिज्म है, क्रोमोजोम में कोई बदलाव दिखाई देता है| अभी तक सबसे ज्यादा दिखने वाले बदलाव वाले क्रोमोसोम है: 2q37, 7q11, 15q11–13, 16p11, 22q11.2, और3[v] |

जीन आटिज्म को कैसे उत्पन्न करती हैं?

कुछ जीन या उनके बदलाव के होने से आटिज्म होने की सम्भावना बढ़ती है| मस्तिष्क के विकास में एक तरह की कमजोरी हो जाती है जिससे और शारीरिक और वातावरण के तनाओं का असर भी बढ़ जाता है और विकास में आटिज्म का विकार हो जाता है[vi] |

जीन का बदलाव और शारीरिक व वातावरण के तनाव मिलकर शारीर में प्रोटीन के बनने और इम्मयूनिटी पर असर करते हैं| इससे जीन के असर, मस्तिष्क के न्यूरॉन और उनके आपस में संबंधों पर असर पड़ता है| यह असर सारे मस्तिष्क पर पड़ता है पर कुछ हिस्सों में ये असर ज्यादा होता है| इस असर से बच्चे के विकास में अनुभूति, सोच, समझ और तरह तरह की सूचना को एक साथ एकीकरण कर के समझने पर पड़ता है|

[i]Ozonoff S, Young GS, Carter A, Messinger D, Yirmiya N, et al. 2011. Recurrence risk for autism

spectrum disorders: a Baby Siblings Research Consortium study. Pediatrics 128:e488–95

[ii] Bailey A, Le Couteur A, Gottesman I, Bolton P, Simonoff E, et al. 1995. Autism as a strongly genetic

disorder: evidence from a British twin study. Psychol. Med. 25:63–77

[iii] Folstein S, Rutter M. 1977. Infantile autism: a genetic study of 21 twin pairs. J. Child Psychol. Psychiatry

18:297–321

[iv] Huguet, G., Ey, E., & Bourgeron, T. (2013). The genetic landscapes of autism spectrum disorders. Annual review of genomics and human genetics, 14, 191-213.

[v] Microscopically visible chromosomal alterations have been reported in fewer than 5% of individuals

with ASD. The most frequent are located at chromosomal regions 2q37, 7q11, 15q11–13,

16p11, 22q11.2, and 22q13.3

[vi] Antar, L. N., Ferretti, C. J., & Hollander, E. (2012). Immune response and inflammation in autism spectrum disorder. Psychiatric Annals, 42(9), 342-346.